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- Aaj Ka Jeevan Mantra By Pandit Vijayshankar Mehta, Motivational Story Of Mahavir Swami, Inspirational Story Of Mahavir Swami
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9 दिन पहलेलेखक: पं. विजयशंकर मेहता
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कहानी – एक राजा भगवान महावीर स्वामी से मिलने जाया करते थे। वे महावीर को कीमती आभूषण और अन्य उपहार देने की कोशिश करते थे। लेकिन, स्वामीजी हर बार राजा से कहते थे, इन्हें गिरा दो। राजा उनकी आज्ञा मानकर वे चीजों वहीं गिरा कर लौट जाते थे।
काफी दिन ऐसे ही चलता रहा। एक दिन राजा ने अपने मंत्री से कहा, ‘मैं इतनी कीमती चीजें महावीर स्वामी को देने के ले जाता हूं, लेकिन वे सभी चीजें वहीं गिराने को क्यों कह देते हैं? मैं भी वो चीजें वहीं गिराकर आ जाता हूं। मैं एक राजा हूं, उन्हें भेंट देना चाहता हूं, लेकिन वे मेरी चीजों का कोई मान नहीं रख रहे हैं। मेरी समझ में ये नहीं आ रहा है कि स्वामीजी ऐसा क्यों कर रहे हैं।’
मंत्री बहुत बुद्धिमान था। उसने कहा, ‘आप इस बार खाली हाथ जाएं। कोई भी चीज लेकर ही मत जाइए। फिर देखते हैं, वे क्या गिराने के कहते हैं।’ राजा को मंत्री की बात अच्छी लगी।
राजा अगली बार खाली हाथ गया तो महावीर स्वामी ने कहा, ‘अब खुद को गिरा दो।’ राजा को समझ नहीं आया कि खुद को कैसे गिराएं?’ उसने महावीर से कहा, ‘आपकी बातें मेरी समझ में नहीं आ रही हैं। आप रोज चीजें गिराने के लिए क्यों कह रहे हैं?’
महावीर स्वामी ने कहा, ‘आप राजा हैं। आपको लगता है कि आप चीजें देकर किसी को भी जीत सकते हैं। मैंने आपको खुद को गिराने के लिए कहा तो इसका मतलब ये है कि हमारे अंदर जो मैं होता है, वह अहंकार के रूप में होता है। मैं ये कहना चाहता हूं कि अपना अहंकार गिरा दो और फिर यहां खड़े रहो।’
राजा को बात समझ आ गई कि गुरु के सामने घमंड लेकर नहीं जाना चाहिए।
सीख – भगवान इंसान का घमंड तोड़ने के लिए गुरु को माध्यम बनाते हैं। गुरु जानते हैं कि अहंकार भविष्य में नुकसान पहुंचाता है। ये एक ऐसी बुराई है, जिसका प्रदर्शन करने पर वर्तमान में तो सुख मिलता है, लेकिन इससे सबकुछ बर्बाद हो सकता है।