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एक दिन पहले
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- तीन बच्चों ने एक राजा की मदद की तो राजा ने उनकी इच्छाएं पूरी करने का वचन दिया, दो लड़कों ने धन-संपत्ति और तीसरे में मांगी विद्या
पुराने समय में एक राजा बहुत शक्तिशाली था, इसीलिए वह शिकार के लिए अकेले ही जंगल में जाता था। एक बार जब वह शिकार के लिए गया तो रास्ता भटक गया। उसके पास खाने-पीने की चीजें भी खत्म हो गई थीं। रास्ता खोजते-खोजते राजा बहुत थक गया था।
भूख-प्यास की वजह से राजा की हालत ज्यादा खराब हो रही थी। तभी उसे तीन बच्चे दिखाई दिए। राजा ने तीनों बच्चों को बुलाया और अपना परिचय दिया। उसने बच्चों से कहा कि आप आप लोग मेरी मदद कर सकते हैं। तीनों बच्चे दौड़कर अपने-अपने घर पहुंचे और राजा के लिए खाने-पीने की चीजें लेकर लौट आए।
राजा ने पेटभर भोजन किया तो उसे राहत मिली। बच्चों ने राजा को महल तक पहुंचने का रास्ता भी बता दिया। बच्चों की मदद से खुश होकर राजा ने तीनों से कहा कि तुम लोग मुझसे जो चाहो वो मांग सकते हो। एक बच्चे ने राजा से कहा कि आप मुझे बड़ा घर और सुख-सुविधा की सारी चीजें दे दीजिए। मैं आराम से जीना चाहता हूं। दूसरे बच्चे ने कहा कि मुझे बहुत सारा धन चाहिए। राजा ने दोनों बच्चों की इच्छा पूरी करने का वचन दिया। अब वे तीसरे बच्चे के पास पहुंचे।
तीसरा लड़का बोला कि राजन्, मुझे धन-संपत्ति नहीं चाहिए। मुझे पढ़ना-लिखना अच्छा लगता है। कृपया मुझे किसी गुरुकुल में विद्या ग्रहण करने के भेज दीजिए। राजा ने अपने राज्य के गुरुकुल में उसका दाखिला करवा दिया।
तीनों लड़के अपनी-अपनी इच्छाएं पूरी होने से बहुत खुश थे। कुछ वर्षों के बाद तीसरा लड़का पढ़-लिखकर बहुत विद्वान हो गया। राजा उसकी बुद्धिमानी से बहुत प्रसन्न थे। उसे अपने दरबार में शामिल कर लिया। अब तीसरे लड़के के पास भी धन-संपत्ति हो गई थी।
कुछ समय बाद तीनों मित्र उसी जंगल में फिर से मिले। दोनों लड़के जिन्होंने धन-संपत्ति मांगी थी, वे बहुत गरीब हो गए थे। तीसरा लड़का राजा के दरबार में शामिल हो गया था, इस कारण वह धनी हो गया था। उसने दोनों मित्रों से गरीबी का कारण पूछा।
पहले मित्र ने कहा कि राज्य में जब बाढ़ आई थी तो उसमें मेरा पूरा घर बर्बाद हो गया। दूसरे मित्र ने कहा कि मेरा धन भी समय के साथ खर्च हो गया।
तीसरा मित्र बोला कि मैं जानता था कि धन-संपत्ति को नश्वर है। इसीलिए मैंने राजा से विद्या मांगी थी। विद्या एक ऐसा धन है, जिसे कोई चोरी नहीं कर सकता है, ये कभी नष्ट नहीं होता है। अभ्यास के साथ बढ़ता रहता है। ये बातें सुनकर दोनों लड़कों को अपनी गलती का अहसास हो गया।
सीख – इस कथा की सीख यह है कि धन-संपत्ति से ज्यादा विद्या का महत्व है। इसीलिए विद्या प्राप्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।