
जानिए क्या है कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग (pic credit: pexels/Karolina Grabowska)
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की अधिक मात्रा शरीर को कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकती है. किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा होगा यह उसके रक्त में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की मात्रा पर काफी हद तक निर्भर करता है.
myUpchar के अनुसार शरीर में हर कोशिका के जीवन के लिए कोलेस्ट्रॉल आवश्यक है. कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की अधिक मात्रा शरीर को कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकती है. शरीर सभी कोलेस्ट्रॉल बनाता है, जिसकी आवश्यकता है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि अंडे की जर्दी और वसायुक्त मांस खाने से भी कोलेस्ट्रॉल प्राप्त कर सकते हैं. हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल होने से धमनियों में प्लाक का निर्माण हो सकता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा हो सकता है.
हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लक्षण नहीं होते हैं, यही वजह है कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है. कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का पता लगाने का एक तरीका है. myUpchar से जुड़ीं डॉ. मेधावी अग्रवाल का कहना है कि कोलेस्ट्रॉल टेस्ट को लिपिड पैनल या लिपिड प्रोफाइल भी कहा जाता है. इस टेस्ट में खून में मौजूद गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल), बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और एक प्रकार की वसा ट्राइग्लिसराइड्स को मापा जाता है.
20 साल की उम्र में पहली बार कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना अच्छा है. इसके बाद, हर पांच साल में एक बार यह टेस्ट करवाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नजर रख सकते हैं. हालांकि, इसके बाद कितने समय तक टेस्ट करना है, यह जांच के स्तर पर निर्भर करता है. यदि ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से अधिक है या परिवार में हृदय रोगों का पारिवारिक इतिहास है, तो डॉक्टर हर 2 या 6 महीने में एक टेस्ट करवाने को कह सकते हैं.किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा होगा यह उसके रक्त में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की मात्रा पर काफी हद तक निर्भर करता है. रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 3.6 मिलीग्राम प्रति लीटर से लेकर 7.8 मिली ग्राम प्रति लीटर तक होता है. 6 मिली लीटर प्रति लीटर कोलेस्ट्रॉल को हाई कोलेस्ट्रॉल के रूप में माना जाता है. इन परिस्थितियों में धमनी रोगों का खतरा बढ़ जाता है. 7.8 मिली ग्राम प्रति लीटर से अधिक कोलेस्ट्रॉल को अत्यधिक हाई कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. इन परिस्थितियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी काफी बढ़ जाता है.
- मोटापे और वजन बढ़ने को नियंत्रित करें
- रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें आप ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, रनिंग, साइक्लिंग, रोप स्किपिंग, डांसिंग या अपनी पसंद का कोई भी खेल खेल सकते हैं
- वसायुक्त भोजन से बचें। केवल ताजा और स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन करें
- यदि कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें और दिशानिर्देशों का पालन करें (अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या ना खाएं, परहेज और क्या खाना चाहिए पढ़ें।) (NotSocommon पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं। सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है। myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं।)
अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए ना तो myUpchar और ना ही News18 जिम्मेदार होगा।
! function(f, b, e, v, n, t, s) { if (f.fbq) return; n = f.fbq = function() { n.callMethod ? n.callMethod.apply(n, arguments) : n.queue.push(arguments) }; if (!f._fbq) f._fbq = n; n.push = n; n.loaded = !0; n.version = ‘2.0’; n.queue = []; t = b.createElement(e); t.async = !0; t.src = v; s = b.getElementsByTagName(e)[0]; s.parentNode.insertBefore(t, s) }(window, document, ‘script’, ‘https://connect.facebook.net/en_US/fbevents.js’); fbq(‘init’, ‘482038382136514’); fbq(‘track’, ‘PageView’);