
केरल में मिली नायाब चीज.
केरल (Kerala) में सुकुमारन के घर के पिछले हिस्से में 2007 से खुदाई के 9 चरण हो चुके हैं. 2007 के बाद से दसवां खुदाई अभियान है और यह अब तक की सबसे बड़ी खोज है.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 4, 2020, 11:15 AM IST
पविथा ने जैसे ही वो बटन के जैसी चीज बाहर निकाली तो केरल के पामा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर पीजे चेरियन ने उसे ब्रश से साफ किया. इस दौरान वह समझ गए कि यह बटन जैसी चीज कोई समान्य चीज नहीं है. उस पर एक रहस्यमयी जीव (Sphinx) की आकृति गुदी हुई थी. यह एक ग्रीक जीव है. उसे उसकी जादुई ताकत के लिए जाना जाता था.
Greco-#Roman sphinx seal and other artefacts discovered in #India‘s Kerala region. https://t.co/FcAfWN13xe #RomanArchaeology #Archaeology #RomanHistory #AncientHistory pic.twitter.com/HQ1a4mDRRN
— Roman Archaeology News (@RomArchable) September 22, 2020
इसके बाद अगले तीन महीनों तक विशेषज्ञों के साथ इस मामले पर विचार-विमर्श किया गया. इसमें रोम की टोर वर्गाटा यूनिवर्सिटी के आर्कियोलॉजी एंड हिस्ट्री ऑफ ग्रीक एंड रोमन आर्ट पढ़ाने वाले डॉक्टर गुलिया रोका भी शामिल थे. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यह बटन नुमा चीज रोमन साम्राज्य के पहले शासक अगस्तस सीजर के शासन में इस्तेमाल होने वाली एक सील रिंग के जैसी ही है.
सुकुमारन के घर के पीछे खुदाई में यह चीज 25 अप्रैल को मिली थी. इससे इस बात को भी बल मिला कि पेरियार नदी पर बसे छोटे गांव पट्टानम मुजिरिस हो सकता है. यह पहली शताब्दी के दौरान का बंदरगाह शहर हो सकता है. जहां दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से व्यापारी आकर व्यापार करते थे. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि यह चीज केरल में इन्हीं व्यापारियों के जरिये पहुंची.
सुकुमारन के घर के पिछले हिस्से में 2007 से खुदाई के 9 चरण हो चुके है. 2007 के बाद से दसवां खुदाई अभियान है. और यह अब तक की सबसे बड़ी खोज है. एक रोमन सील-अंगूठी स्फिंक्स के साथ मुजिरिस तक कैसे पहुंच सकती है? चेरियन कहते हैं, ‘कई संभावनाएं हैं- व्यापारी इसे ला सकते थे. वैसे भी यह केवल अकेली शाही मुहर नहीं थी. हजारों रही होंगी. वे स्वयं सम्राट द्वारा उपयोग किए गए थे और जिन्हें उन्होंने अधिकृत किया था, उन्हें एक हस्ताक्षर के बजाय एक स्टैम्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.’