
जस्टिस बोबडे 18 नवंबर को भारत के अगले चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Justice SA Bobde) का कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 तक रहेगा. जस्टिस बोबडे ने देश के कई बड़े फैसलों में अहम भूमिका निभाई थी.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 18, 2019, 10:33 AM IST
दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ. आदिश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि जस्टिस बोबडे को बाइक राइडिंग का काफी शौक है. उनकी पसंदीदा बाइक बुलेट है. जस्टिस बोबडे अक्सर बुलेट चलाते दिख जाते हैं. डॉ. आदिश बताते हैं कि इस साल की शुरुआत में ही वह हार्ले डेविडसन बाइक की टेस्ट ड्राइव कर रहे थे, तभी बाइक स्लिप हो गई और वह हादसे का शिकार हो गए. बाइक से गिरने की वजह से उनके टखने में काफी चोट भी आ गई. इस चोट की वजह से ही वह काफी समय सुप्रीम कोर्ट के कामकाज से दूर रहे और कॉलेजियम की बैठक में भी शामिल नहीं हो सके. खाली वक्त में जस्टिस बोबडे को किताबें पढ़ने का शौक है.
जस्टिस बोबडे ने इन फैसलों में निभाई बड़ी भूमिका
जस्टिस बोबडे का कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 तक रहेगा. जस्टिस बोबडे ने देश के कई बड़े फैसलों में अहम भूमिका निभाई थी. जिस्टिस बोबडे आधार कार्ड को लेकर महत्वपूर्ण फैसला देने वाली चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच में शामिल रहे हैं. इन्होंने अपने फैसले में कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई थी भारतीय, मूल सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा देशभर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच में भी जस्टिस बोबडे शामिल थे. इसी के साथ 40 दिनों तक चली अयोध्या मामले की सुनवाई में भी जस्टिस बोबडे पांच जजों की बेंच में शामिल थे. सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों से सबसे अधिक सवाल-जवाब जस्टिस बोबडे ने ही किए थे.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के साथ बात करते जस्टिस शरद अरविंद बोबडे.
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जस्टिस बोबडे का अबतक का सफर
शरद बोबडे के पिता अरविंद उर्फ भाऊसाहब बोबडे भी बड़े वकील थे. उनके चाचा विनोद बोबडे सुप्रीम कोर्ट में बड़े वकील थे. अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जिस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने भी महाराष्ट्र के महाधिवक्ता पद को संभाला. जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 में नागपुर में हुआ था. उन्होंने 1978 में नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की. इसके बाद इन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की. 29 मार्च 2000 को वह बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बने. 16 अक्टूबर 2012 को जस्टिस बोबडे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 12 अप्रैल 2013 को वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने.
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First published: November 17, 2019, 1:27 PM IST
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