
सातवीं क्लास में पढ़ने वाला हसन बीटेक और एमटेक के छात्रों को डिजाइनिंग और ड्राफ्टिंग पढ़ाता है.
हैदराबाद में रहने वाला 11 साल का मोहम्मद हसन अली खुद सातवीं क्लास में पढ़ता है, लेकिन बीटेक और एमटेक के छात्रों को डिजाइनिंग और ड्राफ्टिंग पढ़ाता है.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 1, 2018, 11:53 AM IST
हसन अपने ‘छात्रों’ से इसके लिए कोई फीस नहीं लेता है और 2020 के अंत तक एक हजार इंजीनियर्स को पढ़ाना चाहता है.
समाचार एजेंसी ANI को हसन ने बताया, ‘मैं पिछले 1 साल से पढ़ रहा हूं. मेरे लिए इंटरनेट सीखने का संसाधन है. मैं फीस नहीं लेता, क्योंकि मैं अपने देश के लिए कुछ करना चाहता हूं.’
हसन ने इसके साथ ही बताया, ‘मैं सुबह स्कूल जाता हूं और 3 बजे घर वापस आता हूं. मैं खेलता हूं और अपना होमवर्क करता हूं. इसके बाद शाम 6 बजे तक मैं पढ़ाने के लिए कोचिंग चला जाता हूं.’वहीं खुद से दोगुनी उम्र के छात्रों को इस तरह पढ़ाने का आइडिया कहां से मिला, इस सवाल पर हसन बताते हैं, ‘मैं इंटरनेट पर एक वीडियो देख रहा था, जिसमें बताया जा रहा था कि भारतीय छात्र पढ़ाई के बाद भी विदेश में छोटी-मोटी नौकरियां कर रहे थे. तब मैंने सोचा कि हमारे इंजीनियर एक खास मामले में पिछड़ जाते हैं और वह चीज थी ‘कम्युनिकेशन स्किल’. हमारे यहां के छात्र कम्युनिकेशन में काफी कमजोर रहे हैं इस कारण वह पिछड़ जाते हैं. वहीं मेरा पसंदीदा विषय डिजाइनिंग था तो मैंने इस पर और जोर-शोर से काम शुरू कर दिया.’
हसन से पढ़ने आने वाली छात्रा जी सुषमा बताती हैं, ‘मैं सिविल सॉफ्टवेयर सीखने के लिए पिछले डेढ़ महीने से यहां आ रही हूं. वह हम सबसे छोटा है, लेकिन अच्छी तरह पढ़ाता है. उसकी स्किल अच्छी है और वह बताई चीज़ें समझनी आसान होती है.’
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