
केन्या में महिलाओं ने मर्दवादी समाज से तंग आकर एक गांव ही बसा लिया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- News18Hindi
- Last Updated:
October 3, 2020, 11:01 AM IST
साम्बुरु समाज में महिलाओं की स्थिति
साम्बुरु समाज एक पितृसत्तात्मक समाज है, जहाँ पुरुष बहुविवाह करते हैं. साम्बुरु समाज में महिलाओं की दोयम स्थिति है. इन महिलाओं को भूमि या अन्य किसी भी प्रकार की संपत्ति जैसे कि पशुधन आदि रखने की अनुमति नहीं है. इनके समाज में महिलाओं को स्वयं उनके पति की संपत्ति माना जाता है. इस समाज में महिलाओं का खतना किया जाता है. इसके साथ ही वे जबरन शादी, बलात्कार और घरेलू हिंसा का शिकार बनती हैं.
सबसे बुजुर्ग महिला 98 साल की हैं जबकि सबसे छोटी छह महीने कीइस गाँव में सबसे बुजुर्ग निवासी 98 साल की हैं और सबसे छोटी की उम्र छह महीने है. इस गाँव में महिलाओं के बेटे जब 18 साल के हो जाते हैं तब उन्हें इस गाँव से बाहर जाना पड़ता है. लियरपूरा नाम की एक महिला जब 3 साल की थी, तब उसके पिता की मृत्यु हो गई थी. ऐसे में उसकी माँ को लगा कि उसका परिवार जबरन लियर पूरा का खतना करा देगा. इससे बचने के लिए उसकी मान उसे पीठ पर बांधकर 15 साल पहले उसे इस गाँव में ले आई थी. तब से वे दोनों इस गाँव में गुजरबसर कर रहे हैं.
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इसी तरह जेन नाम की एक महिला पर कुछ वर्दीधारियों ने हमला बोला और उसका बलात्कार कर दिया. उसे शारीरिक चोटें भी पहुंची लेकिन पति और सास को बताने पर उन्होंने जेन को बेंतों से पीटा. इस घटना के बाद वह अपने बच्चों के साथ छुप छुपा कर इस गाँव में पहुंची. इस गांव में ऐसी कहानियों वाली दर्जनों महिला रहती हैं.